Labels
- Life (4)
- Me (3)
- My Art - Samsung Galaxy Note (6)
- Poetry (27)
- The World Through My Camera (10)
- Thoughts and Theses (8)
Wednesday, 13 February 2013
Tuesday, 11 September 2012
बाज़ारी प्यार
किसीने कहा तुमसे, हमारी सूरत अच्छी नहीं;
तुमने कहा, हमारा मिजाज़ अच्छा नहीं;
अमा छोड़ो! चेहरों की मंडी में तुमने मिजाज़ के सौदे को तोला ही नहीं!
अब सूरत से मुहं मोड़ कर, अक्ल का पाला पकड़ा,
मिजाज़ का विराना छोड़ कर, जेब का खज़ाना देखा,
अमा छोड़ो! इस बाज़ारी प्यार के सौदे में दिल बेचा है, दिमाग ही नहीं!
तुमने कहा, हमारा मिजाज़ अच्छा नहीं;
अमा छोड़ो! चेहरों की मंडी में तुमने मिजाज़ के सौदे को तोला ही नहीं!
अब सूरत से मुहं मोड़ कर, अक्ल का पाला पकड़ा,
मिजाज़ का विराना छोड़ कर, जेब का खज़ाना देखा,
अमा छोड़ो! इस बाज़ारी प्यार के सौदे में दिल बेचा है, दिमाग ही नहीं!
Subscribe to:
Posts (Atom)