Thursday 12 April 2012

'बेकारता' ही 'काम'


पर अगर 'बेकारता' ही 'काम' हो जाये... और घडी का हर घंटा कहे 'आरम कर'...
सरस सरिता हो मदिरा... और 'नशा' हो मेरी 'कविता'...

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