गर मुमकिन हो मुलाकात, मिल लीजियेगा..
गर काम न हो कुछ ख़ास, मिल लीजियेगा..
गर बेपनाह हो प्यार, मिल लीजियेगा..
गर रौशन हो विश्वास, मिल लीजियेगा..
गर उठी हो दिल में आस, मिल लीजियेगा..
गर धधकती हो सांस, मिल लीजियेगा..
गर मन हो उदास, मिल लीजियेगा..
गर नम हो मिजाज़, मिल लीजियेगा..
आपका रहेगा इंतज़ार, मिल लीजियेगा..
ना कीजियेगा निराश, मिल लीजियेगा..
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Wednesday 17 July 2013
मिल लीजियेगा
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Poetry
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